Class 11th Economics Important Question Chapter 01
आज की इस पोस्ट में हम आपको अर्थशास्त्र के कक्षा 11 के महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आए हैं जो आपकी इकाई 1 से पूछे जाने वाले हैं यह बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण प्रश्न है जो आपकी वार्षिक परीक्षा को नजर में रखते हुए तैयार किए गए हैं अगर आप वाणिज्य संकाय के छात्र हैं तो आप सही जगह पर आ चुके हैं हम लगातार वार्षिक परीक्षा की तैयारी करवा रहे हैं यहां पर दोस्तों आपको अर्थशास्त्र कक्षा 11 के सभी विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्न देखने को मिलने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं अर्थशास्त्र कक्षा 11 इकाई 1 के महत्वपूर्ण प्रश्नों से .
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| Class 11th Economics Important Question |
कक्षा 11 अर्थशास्त्र महत्वपूर्ण प्रश्न
इकाई 1 अर्थशास्त्र परिचय
महत्वपूर्ण प्रश्न
1. अर्थशास्त्र का अर्थ बताइए ?
उत्तर- अर्थशास्त्र दो शब्दों अर्थ + शास्त्र के योग से बना है अर्थ से आशय धन एवं शास्त्र का अर्थ विवेचना से होता है इस प्रकार धन की विवेचना करने वाले शास्त्र को अर्थशास्त्र कहते हैं शाब्दिक उत्पत्ति के आधार पर अर्थशास्त्र घर या परिवार की आवश्यकता की व्यवस्थित कला है।
2. आचार्य कौटिल्य के अर्थशास्त्र की विशेषताएं बताइए ?
उत्तर - अर्थशास्त्र की विशेषताएं -
1. कौटिल्य के अनुसार धर्म तथा काम दोनों क्रियाएं अर्थ पर निर्भर करती हैं ।
2. आचार्य कौटिल्य जनसंख्या में वृद्धि के पक्षधर थे
3. कौटिल्य राज्य की आय के साधन के रूप में करो को प्रमुख मानते थे ।
4. आचार्य कौटिल्य ने अर्थशास्त्र का सीधा संबंध जीवन से बताया है ।
5. आचार्य कौटिल्य के अनुसार व्यापार की वृद्धि से ही राष्ट्र शक्तिशाली तथा संपन्न हो सकता है।
3. सूक्ष्म या व्यष्टि अर्थशास्त्र को समझाइए ?
उत्तर - अर्थशास्त्र के जनक प्रोफेसर एडम स्मिथ सूक्ष्म अर्थशास्त्र के जन्मदाता है सूक्ष्म का अर्थ छोटे से है इसमें संपूर्ण अर्थव्यवस्था को छोटे-छोटे अंश के रूप में व्यक्त कर आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जैसे व्यक्तिगत उपभोग, व्यक्तिगत उद्योग इत्यादि ।
3. अर्थशास्त्र की सीमाएं क्या है ?
उत्तर - अर्थशास्त्र की सीमाएं निम्न है-
1. गैर मानवीय क्रियाओं का अध्ययन नहीं
2. समाज के केवल सही मनुष्य का अध्ययन
3. केवल आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन
4. मापदंड
5. केवल विज्ञान
6. नियम सार्वभौमिक नहीं
4. आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) के अर्थशास्त्र की परिभाषा दीजिए ?
उत्तर- आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ कौटिल्य अर्थशास्त्रम के अध्याय 1 में अर्थ और अर्थशास्त्र को निम्न प्रकार से परिभाषित किया है मनुष्य के व्यवहार या जीविका को अर्थ कहते हैं मनुष्य से युक्त भूमि का नाम ही अर्थ है इस भूमि को प्राप्त करने और रक्षा करने के उपायों का विवेचन करने वाला शास्त्र अर्थशास्त्र कहलाता है ।
5. प्रोफेसर रॉबिंस के अर्थशास्त्र की परिभाषा की विशेषताएं बताइए ?
उत्तर- प्रोफ़ेसर रॉबिंस की अर्थशास्त्र की परिभाषा की विशेषताएं निम्नलिखित हैं -
1. अर्थशास्त्र का क्षेत्र विस्तृत है इसमें व्यक्ति और समाज के प्रयत्नो को शामिल किया गया है
2. अर्थशास्त्र एक वास्तविक विज्ञान है
3. अर्थशास्त्र में मनुष्य की सभी क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है
4. अर्थशास्त्र में भौतिक व अभौतिक में कोई अंतर नहीं है
5. अर्थशास्त्र में रॉबिंस ने मुद्रा अथवा धन को मापदंड का आधार नहीं माना है
6. रॉबिंसन की परिभाषा तर्कसंगत है
7. रॉबिंसन ने उन क्रियाओं को अर्थशास्त्र की विषय सामग्री माना है जिसमें चुनाव संबंधी समस्या रहती है
6. उन आवश्यकताओं का चुनाव आप कैसे करेंगे जिनकी आपूर्ति करना चाहेंगे ?
उत्तर- हालांकि हमारी आवश्यकताएं असीमित हैं परंतु यह आवश्यकताएं तीव्रता एवं अनिवार्यता के स्तर में बहुत प्रकार से विभिन्न रूप से अलग-अलग है कुछ आवश्यकताएं अन्य आवश्यकताओं की तुलना में अधिक तीव्र एवं अनिवार्य होती हैं हम अधिक तीव्र एवं अनिवार्य आवश्यकताओं को पहले प्राथमिकता देते हैं उदाहरण के लिए एक परिवार घूमने के लिए अमेरिका जाना चाहता है एक मकान खरीदना चाहता है क्यों किराए के मकान में रह रहा है हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि वह पहले मकान खरीदेगा बाद में घूमने जाएगा एक उपभोक्ता ऐसा समूह खरीदना चाहता है जो उसे अधिकतम उपयोगिता प्रदान करता हो एक उत्पादक ऐसे समूह का चयन करता है जिससे उसे उत्पादन लागत न्यूनतम पड़ती है एक निवेशक ऐसे निवेशो का चयन करता है जो उसे अधिकतम लाभ देते हो
7. सांख्यिकी के कार्यों का वर्णन कीजिए ?
उत्तर- सांख्यिकी के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं
1. विशाल एवं जटिल तथ्यों को सरल बनाना - एक सामान्य व्यक्ति एकत्रित विशाल एवं जटिल समंको को न तो समझ सकता है ना ही उनसे कोई निष्कर्ष निकाल सकता है परंतु सांख्यिकी की रीतियों जैसे वर्गीकरण सारणीयन ,बिंदु रेखीय, प्रदर्शन , केंद्रीय प्रवृत्ति की माप आदि के द्वारा विशाल एवं जटिल तथ्यों को सरल बनाकर आसानी से समझा जा सकता है ।
2. तथ्यों का तुलनात्मक बनाना - तथ्यों को तुलनात्मक अध्ययन हेतु तैयार करना भी सांख्यिकी का एक महत्वपूर्ण कार्य है ।
3. नीति निर्माण में सहायता देना - सांख्यिकी का एक प्रमुख कार्य विभिन्न आर्थिक सामाजिक तथा राजनीतिक नीतियों के निर्माण में सहायता प्रदान करना है देश की व्यापार नीति, मूल्य , कर नीति आदि का निर्धारण एकत्रित समंको का विश्लेषण करके ही संभव होता है ।
4. व्यक्तिगत ज्ञान व अनुभव में वृद्धि करना - सांख्यिकी व्यक्ति के ज्ञान व अनुभव करने की शक्ति में वृद्धि करती है सांख्यिकी के अध्ययन से विचारों को स्पष्टता और निश्चयात्मकता प्राप्त होती है तथा समस्या के समाधान का उचित हल का दृष्टिकोण स्वत: विकसित होने लगता है
5. अनुमान लगाना - सांख्यिकी रीतियों जैसे अंतर्गणन, वाह्य गणन आदि की सहायता से न केवल वर्तमान तत्वों का विश्लेषण किया जाता है वरन भविष्य के अनुमान भी लगाए जाते हैं
6. वैज्ञानिक नियमों की सत्यता की जांच - किसी भी विज्ञान के नियम के परीक्षण या नए नियमों के निर्माण में सांख्यिकी रीतियों की सहायता ली जाती है अर्थशास्त्र समाजशास्त्र जीव विज्ञान गणित आदि विज्ञानों के नियमों के निर्माण में इन्हीं रीतियों की मदद ली जाती है।
8. दादाभाई नरोजी के प्रमुख आर्थिक विचार कौन-कौन से हैं समझाइए ?
उत्तर - दादा भाई नौरोजी के आर्थिक विचार निम्नलिखित है-1. विदेश गमन सिद्धांत - नौरोजी के अनुसार ब्रिटिश शासन प्रणाली भारतीयों के लिए विनाशकारी और ब्रिटेन के लिए हितकारी थी इसी को विदेश गमन सिद्धांत कहते हैं ब्रिटिश सरकार अत्यधिक कर लगाकर देश में व्यय न करके इंग्लैंड भेज रही थी
2. राष्ट्रीय आय - नौरोजी पहले अर्थशास्त्री थे जिन्होंने भारत के राष्ट्रीय आय की गणना की और उसके विभिन्न समूहों के हिस्सों का निर्धारण किया
3. ब्रिटिश शासन की आलोचना - नौरोजी ने ब्रिटिश शासन व्यवस्था की कड़ी आलोचना की उनके अनुसार ब्रिटिश कंपनी देश के अंदर व्यापार को नष्ट कर रही थी भारत ने ब्रिटिश शासन में कोई उन्नति नहीं की बल्कि देश नष्ट हो गया
4. निर्धनता की समस्या- नौरोजी के अनुसार भारत की मुख्य समस्या यहां विद्यमान निर्धनता है विभिन्न तत्वों से उन्हें सिद्ध किया कि भारत दिन प्रतिदिन निर्धन होता जा रहा है ब्रिटिश इंडिया में कुल प्रति व्यक्ति आय ₹20 प्रति वर्ष थी जबकि प्रति व्यक्ति जीवन निर्वाह लागत ₹34 थी उनके अनुसार देश के अधिकांश मनुष्य उस समय भुखमरी के शिकार थे
9. मार्शल की अर्थशास्त्र की परिभाषा की आलोचना कीजिए ?
उत्तर - मार्शल की अर्थशास्त्र की परिभाषा की प्रमुख आलोचनाएं निम्नलिखित हैं जीवन के साधारण व्यवसाय वाक्यांश का अस्पष्ट होना मार्शल की परिभाषा में जीवन के साधारण व्यवसाय वाक्यांश अस्पष्ट व भ्रामक है क्योंकि उन्होंने नहीं बताया है कि साधारण व्यवसाय में मानव की कौन सी क्रिया है आती है और कौन सी नहीं और न ही उन्होंने उसके बारे में कोई स्पष्टीकरण दिया है
परिभाषा भौतिकता के भ्रम जाल में फंसी है मार्शल ने मानवीय क्रियाओं के उन्हीं पहलुओं का अध्ययन किया है जिनका संबंध भौतिक सुख के साधनों की प्राप्ति तथा उपयोग से है अभौतिक साधनों का अध्ययन अर्थशास्त्र में नहीं किया जाता लेकिन आलोचकों के अनुसार भौतिक व अभौतिक साधनों में भेद करना कठिन है
मार्शल की परिभाषा वर्गीकृत है- मार्शल ने भौतिक कल्याण व साधारण जीवन में व्यापार संबंधी क्रियाओं जैसे शब्दों का प्रयोग करके मानवीय क्रियाऔं को भौतिक- अभौतिक कल्याण- अकल्याण, आर्थिक -अनार्थिक भागों में बांटा है जो अवैज्ञानिक है।
अर्थशास्त्र में केवल आर्थिक क्रियाओं का ही अध्ययन किया जाता है मार्शल ने मनुष्य की क्रियाओं को आर्थिक व अनार्थिक क्रियाओं में विभाजित कर बहुत बड़ी गलती की है क्योंकि अर्थशास्त्र में आर्थिक व अनार्थिक र्दोनों क्रियाओं का अध्ययन किया है
10. अर्थशास्त्र का क्या महत्व है समझाइए ?
उत्तर- अर्थशास्त्र का मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महत्व होता है व्यापारियों, राजनीतिज्ञ, कर्मचारियों, बैंकरो, ग्रहणी, श्रमिकों इत्यादि सभी के लिए अर्थशास्त्र का अध्ययन महत्वपूर्ण होता है अर्थशास्त्र के प्रमुख महत्व निम्नलिखित हैं
1. विद्वानों के लिए महत्व - अर्थशास्त्र एक तर्कसंगत तथा क्रमबद्ध विज्ञान है यह आर्थिक घटनाओं के मध्य कारण एवं परिणाम का संबंध बताता है जिसके आधार पर हम विभिन्न समस्याओं का विश्लेषण कर सकते हैं
2. उपभोक्ताओं के लिए महत्व - अर्थशास्त्र का उद्देश्य मानव कल्याण को अधिकतम करना है अर्थशास्त्र के सिद्धांत इसमें हमारी मदद करते हैं उदाहरणार्थ सम सिद्धांत उपयोगिता द्वारा उपभोक्ता अपनी सीमित आय से अधिकतम संतुष्टि प्राप्त कर सकता है
3. कीमत निर्धारण में महत्व- आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर ही फर्म अपनी वस्तु की कीमत का निर्धारण उस बिंदु पर करती है जहां सीमांत लागत सीमांत आगम के बराबर होती है
4. वितरण की समस्याओं के हल में महत्व- एक फर्म वितरण के सीमांत उत्पादकता सिद्धांत के द्वारा उत्पादन के साधनों को उनका पारितोषण देकर वितरण की समस्याओं का समाधान कर लेती है
5. नियोजको के लिए महत्व - अर्थशास्त्र के सिद्धांत आयोजकों को उपलब्ध संसाधनों के पूर्ण तथा कुशल तम उपभोग में मदद करते हैं
6. प्रशासन में महत्व - समाज का लाभ अधिकतम करने हेतु प्रशासन सदैव प्रयासरत रहता है इसके लिए आवश्यक है कि समाज का न्यूनतम त्याग हो तथा सार्वजनिक क्रियाओं से अधिकतम लाभ प्राप्त हो
7. जीवन स्तर वृद्धि में महत्व अधिकाधिक वस्तुओं के उपभोग को जीवन स्तर में सुधार माना जाता है हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु आर्थिक प्रणाली पर निर्भर होते हैं आर्थिक प्रणाली जितनी अधिक कार्य कुशल होगी उतना ही अधिक उत्पादन होगा
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